भारत में शिक्षा और खेल की दुनिया में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अडाणी इंटरनेशनल स्कूल और इंटरनेशनल स्कूल्स स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन (ISSO) ने मिलकर एक ऐसी पहल की है, जो अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में खेल संस्कृति को सशक्त बनाएगी। इस महत्वपूर्ण साझेदारी का उद्देश्य न केवल छात्रों को खेलों में उत्कृष्टता की ओर ले जाना है, बल्कि उन्हें वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार भी करना है।
इस पहल में अडाणी इंटरनेशनल स्कूल की प्रमोटर नम्रता अडाणी की सक्रिय भूमिका भी उल्लेखनीय है। वे अब ISSO के सलाहकार बोर्ड की सदस्य हैं और संगठन की दूरदृष्टि व दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने में अपना योगदान देंगी।
ISSO: खेलों को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने वाला संगठन
ISSO (International Schools Sports Organization) की स्थापना वर्ष 2017 में हुई थी। यह भारत का एकमात्र संगठन है जो IB, कैम्ब्रिज, एडएक्सेल, और अमेरिकी बोर्ड (NSBA) जैसे अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम वाले स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देता है। अब तक ISSO ने 430 से अधिक स्कूलों, 22 खेल विधाओं, और हर साल 300+ टूर्नामेंट्स के माध्यम से 22,000+ छात्रों को खेलों में भागीदारी का अवसर दिया है।
स्पोर्ट्स एजुकेशन को मिलेगा नया आयाम
इस सहयोग के माध्यम से अडाणी इंटरनेशनल स्कूल और ISSO मिलकर छात्रों को बेहतर खेल सुविधाएं, प्रशिक्षण, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी का मौका देंगे। इसका मूल उद्देश्य है कि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी श्रेष्ठता हासिल करें, जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके।
ISSO की निदेशक आकांक्षा थापक ने नम्रता अडाणी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व और दूरदृष्टि से खेलों के वर्तमान ढांचे को और भी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि ISSO वर्षों से स्टूडेंट्स को स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खेलने के अवसर देता आया है।
नम्रता अडाणी की सोच और दृष्टिकोण
नम्रता अडाणी ने इस साझेदारी को लेकर कहा,
"भारत की शिक्षा और खेल प्रणाली एक निर्णायक मोड़ पर है। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न केवल कक्षा में, बल्कि खेल मैदान पर भी चमकें। ISSO के साथ मिलकर एक ऐसी संरचित, समावेशी और वैश्विक बेंचमार्क वाली खेल संस्कृति बनाना मेरा सपना है।"
उनकी यह सोच स्पष्ट करती है कि यह पहल केवल एक खेल साझेदारी नहीं है, बल्कि छात्रों के समग्र विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।
छात्रों को वैश्विक अवसरों तक पहुंच
ISSO का जुड़ाव School Games Federation of India (SGFI) और International School Sport Federation (ISF) जैसे प्रतिष्ठित संगठनों से है। इसके चलते भारतीय छात्र “खेलो इंडिया गेम्स”, “सुब्रतो कप” और “ISF वर्ल्ड चैंपियनशिप” जैसे उच्चस्तरीय आयोजनों में भाग लेने के योग्य बनते हैं। ISSO का एक विशेष प्रभाग IBSO (International Board Schools Sports Organization) हजारों छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंच तक पहुंच दिला चुका है।
प्रोफेशनल मैनेजमेंट और एथलीट प्रोफाइलिंग
अडाणी इंटरनेशनल स्कूल और ISSO मिलकर अब खेलों की प्रतियोगिताओं को व्यवस्थित, पारदर्शी और पेशेवर तरीके से संचालित करेंगे। इससे न केवल छात्रों की खेल प्रतिभा निखरेगी, बल्कि उनकी एथलीट प्रोफाइलिंग भी मजबूत होगी, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त देगी।
अडाणी इंटरनेशनल स्कूल: शिक्षा और संस्कार का संगम
अडाणी इंटरनेशनल स्कूल वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करता है। स्कूल में तकनीक, अनुभव-आधारित शिक्षण और जीवन कौशल को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। स्कूल का लक्ष्य है कि छात्र न केवल पढ़ाई में अच्छे हों, बल्कि एक जिम्मेदार, जागरूक और उद्देश्यपूर्ण नागरिक के रूप में विकसित हों।
निष्कर्ष
भारत में खेलों को केवल को-करिकुलर एक्टिविटी के रूप में नहीं, बल्कि करियर और व्यक्तित्व विकास के स्तंभ के रूप में देखे जाने की ज़रूरत है। अडाणी इंटरनेशनल स्कूल और ISSO की यह साझेदारी इसी दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के छात्र लाभान्वित होंगे, बल्कि भारत के खेल भविष्य को भी नई दिशा मिलेगी।