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अमित शाह ने Gmail छोड़ा, अब स्वदेशी Zoho Mail पर शिफ्ट हुए, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Wednesday, October 8, 2025

मुंबई, 08 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विदेशी ईमेल सर्विस Gmail को छोड़कर भारतीय प्लेटफॉर्म Zoho Mail का इस्तेमाल शुरू कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर जानकारी दी कि अब उनका नया ईमेल एड्रेस (amitshah.bjp@zohomail.in
) होगा और आगे से सभी लोग इसी पते पर मेल भेजें। शाह ने अपने संदेश में लिखा कि उन्होंने Zoho Mail पर स्विच कर लिया है और अब भविष्य में पत्राचार के लिए इसी एड्रेस का उपयोग किया जाए।

Zoho Mail भारतीय कंपनी Zoho कॉर्पोरेशन द्वारा बनाया गया एक ईमेल प्लेटफॉर्म है, जो Gmail और Outlook जैसी विदेशी सेवाओं का विकल्प है। इससे पहले 3 अक्टूबर को शिक्षा मंत्रालय ने भी सरकारी दफ्तरों को अपने डॉक्यूमेंट्स और ऑफिस वर्क के लिए Zoho Office Suite का उपयोग करने का निर्देश दिया था। Zoho Mail एक एड-फ्री और पूरी तरह से सुरक्षित ईमेल सेवा है, जिसे कंपनी के फाउंडर श्रीधर वेंबु ने विकसित किया है। कंपनी का दावा है कि इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन दिया गया है, जिससे यूजर्स का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहता है और किसी भी विज्ञापनदाता के साथ शेयर नहीं किया जाता। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को बिजनेस, पर्सनल और प्रमोशनल मेल्स के लिए अलग-अलग टैब, साथ ही कैलेंडर, नोट्स और कॉन्टैक्ट्स जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

हाल ही में Zoho ने भारतीय यूजर्स के लिए वॉट्सएप का विकल्प “Arattai” नाम से मैसेजिंग ऐप भी लॉन्च किया था। यह तमिल शब्द है, जिसका अर्थ बातचीत होता है। इस ऐप में ऑडियो-वीडियो कॉलिंग और चैट जैसी सुविधाएं दी गई हैं। Zoho Corporation सिर्फ Arattai ही नहीं, बल्कि 50 से ज्यादा क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर बना चुकी है, जिनका इस्तेमाल 180 से अधिक देशों में 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स कर रहे हैं। कंपनी CRM, अकाउंटिंग, ईमेल और HR मैनेजमेंट जैसे कई क्षेत्रों में सेवाएं देती है।

Zoho की शुरुआत 1996 में श्रीधर वेंबु ने अपने भाइयों और सहयोगी टोनी थॉमस के साथ मिलकर की थी। पहले इसका नाम AdventNet था, जो नेटवर्क सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली कंपनी थी। साल 2009 में इसका नाम बदलकर Zoho Corporation रखा गया और कंपनी ने क्लाउड-आधारित SaaS मॉडल पर काम शुरू किया। धीरे-धीरे यह भारत की अग्रणी सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी बन गई और आज यह दुनिया की प्रमुख SaaS कंपनियों में से एक है। खास बात यह है कि Zoho पूरी तरह बूटस्ट्रैप्ड है यानी इसे किसी बाहरी निवेश की जरूरत नहीं पड़ी।

कंपनी के फाउंडर श्रीधर वेंबु का जीवन भी प्रेरणादायक रहा है। वे तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। उन्होंने अमेरिका की Qualcomm कंपनी में इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन 2019 में अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के तेनाकासी जिले के एक छोटे से गांव में बस गए। वहां से ही उन्होंने Zoho को चलाना शुरू किया और ग्रामीण भारत में तकनीक और रोजगार के प्रसार को अपना लक्ष्य बनाया। आज Zoho के कई दफ्तर ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं और स्थानीय युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। फोर्ब्स की 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीधर वेंबु भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 5.85 बिलियन डॉलर आंकी गई है। वे और उनके परिवार के सदस्य फोर्ब्स इंडिया की शीर्ष 100 अमीर व्यक्तियों की सूची में 51वें स्थान पर शामिल हैं।


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