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32 की उम्र में 'बीस्ट' बनने के लिए साधारण खाना क्यों ज़रूरी? रणवीर अल्लाहबादिया ने बताया अपना मॉर्निंग रूटीन और एनर्जी का राज!

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Posted On:Tuesday, October 7, 2025

मुंबई, 7 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) कंटेंट क्रिएटर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia) ने हाल ही में अपने दैनिक मॉर्निंग रूटीन और खान-पान के दर्शन को साझा किया है। 32 वर्ष की आयु में, जब वह अपनी ऊर्जा और फोकस को चरम पर रखना चाहते हैं, तो उनका मानना है कि इसका सीधा संबंध इस बात से है कि आप अपने सिस्टम में क्या डालते हैं।

रणवीर का कहना है कि अगर आप अपने भोजन के चुनाव के माध्यम से अपने शरीर का सम्मान करते हैं, तो आपका शरीर भी आपकी आत्मा और मन का सम्मान करता है।

'बोरिंग खाना' ही असली ताकत है

रणवीर अल्लाहबादिया के अनुसार, उनकी दिनचर्या की शुरुआत भोजन से होती है, और यह पिछले 5-6 वर्षों से लगभग समान है। उनका मानना है कि "बोरिंग खाना खाने से आपको शक्ति मिलती है। आप बेहतर दिखते हैं, बेहतर महसूस करते हैं और आपके ऊर्जा स्तर ऊँचे रहते हैं।"

रणवीर का दैनिक मॉर्निंग रिचुअल:

  • भीगे हुए मेवे (Soaked Nuts): दिन की शुरुआत.
  • अनार का प्रसाद (Pomegranate Prasad):
  • कुछ फल (Some Fruit):
  • प्रोटीन शेक (Protein Shake): (प्लांट प्रोटीन, यदि उपलब्ध हो).
  • एक घंटे बाद: आंत के स्वास्थ्य, विटामिन और खनिजों के लिए कच्ची सब्जियां (Raw Vegetables) खाते हैं।


वह जोर देते हैं कि यह उनका 'असली रूटीन' है, जिसमें सादगी और दोहराव पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

विशेषज्ञ की राय: साधारण भोजन के फायदे और नुकसान

क्या साधारण और दोहराए जाने वाले भोजन से वास्तव में ऊर्जा के स्तर और समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है? क्लिनिकल और स्पोर्ट्स डायटीशियन-न्यूट्रिशनिस्ट अदिति प्रभु इसकी पुष्टि करती हैं।

फायदे (The Pros):

निर्णय लेने की थकान में कमी (Reduces Decision Fatigue): बार-बार यह तय करने की चिंता खत्म होती है कि क्या खाना है।

नियमितता और अनुशासन (Routine and Discipline): यह एक रूटीन स्थापित करने में मदद करता है।

बेहतर पाचन और स्थिर रक्त शर्करा (Better Digestion & Steady Blood Sugar): इससे पूरे दिन ऊर्जा के स्तर में सुधार होता है।

नुकसान (The Cons):

आहार विविधता पर रोक (Restricts Dietary Diversity): एक ही तरह का खाना खाने से ज़रूरी पोषक तत्वों की विविधता कम हो जाती है।

ऊब और लालसा (Boredom and Cravings): भोजन नीरस हो सकता है, जो सभी के लिए काम नहीं करता है और लालसा या अधिक खाने (binges) की संभावना को बढ़ा सकता है।

पोषण 'एक-आकार-सभी के लिए' नहीं

रणवीर का मॉर्निंग रूटीन उनके मौजूदा जीवनशैली और लक्ष्यों के आधार पर उनके पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। हालांकि, अदिति प्रभु चेतावनी देती हैं, "पोषण सभी के लिए एक-जैसा नहीं होता।"

जिस व्यक्ति का सुबह का समय अधिक शारीरिक श्रम या भागदौड़ वाला होता है, उसे अधिक जटिल कार्बोहाइड्रेट (Complex Carbohydrates) की आवश्यकता हो सकती है। इसी तरह, विशेषज्ञ यह भी बताती हैं कि हर कोई कच्ची सब्जियों को पचा नहीं सकता और यह पहले से मौजूद आंत संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है।

संक्षेप में, संतुलन (Balance) हर किसी के लिए अलग दिखता है, और यह उम्र, लिंग, जीवनशैली और शारीरिक ज़रूरतों के आधार पर बदलता रहता है।

भोजन और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध

विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि सचेत भोजन विकल्पों (Mindful Food Choices) और मानसिक/भावनात्मक कल्याण के बीच एक मजबूत संबंध है।

अदिति प्रभु के अनुसार:

मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा: साबुत अनाज, नट्स, बीज, मौसमी फल और सब्जियां, और अच्छे प्रोटीन स्रोतों से भरपूर आहार आंत के स्वास्थ्य का समर्थन करता है और चिंता के जोखिम को कम करता है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुरा: अल्ट्रा-प्रोसेस्ड, रिफाइंड और पैकेज्ड फूड्स से भरपूर आहार आंत की समस्याओं, चिंता और खराब नींद के जोखिम को बढ़ाता है।

इसलिए, 32 की उम्र में रणवीर अल्लाहबादिया का सरल, पौष्टिक भोजन पर ध्यान केंद्रित करना एक बुद्धिमानी भरा कदम है जो उन्हें अपनी उच्च ऊर्जा और उत्पादकता के लक्ष्यों को बनाए रखने में मदद करता है।

अस्वीकरण: यह लेख विशेषज्ञों से मिली जानकारी पर आधारित है। कोई भी नया रूटीन शुरू करने से पहले हमेशा अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ या चिकित्सक से सलाह लें।


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