रिंकू सिंह को लेकर सवाल यह है कि क्या वो अपने दमदार फिनिशिंग रोल के साथ-साथ अब गेंदबाजी में भी खुद को साबित कर, चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में सफल होंगे? हाल ही में खत्म हुए उत्तर प्रदेश प्रीमियर लीग 2025 के मुकाबले में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से जो प्रदर्शन किया, उसने इस सवाल को और ज्यादा प्रासंगिक बना दिया है।
गेंदबाजी से किया चयनकर्ताओं को प्रभावित
यूपी टी20 लीग के उद्घाटन मैच में मेरठ मावेरिक्स और कानपुर सुपरस्टार्स के बीच हुए मुकाबले में मेरठ के कप्तान रिंकू सिंह ने न सिर्फ कप्तानी पारी खेली बल्कि गेंदबाजी में भी कमाल कर दिया। उन्होंने एक ओवर डालते हुए कानपुर के बल्लेबाज आदर्श सिंह को महज 1 रन पर आउट कर दिया। यह विकेट उस समय आया जब कानपुर की टीम पर दबाव था, और रिंकू ने कप्तान के तौर पर बड़ी समझदारी दिखाई।
रिंकू का यह प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और फैंस अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या इस बहुपरकारी खिलाड़ी को टीम इंडिया में मौका मिलेगा?
IPL 2025 में नहीं चला बल्ला, लेकिन...
IPL 2025 में रिंकू सिंह से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने अपना प्रभाव खो दिया है। रिंकू एक स्थापित फिनिशर हैं, और टीम इंडिया को सीमित ओवर्स में ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत होती है, जो दबाव में मैच फिनिश कर सकें।
अब जब रिंकू अपनी गेंदबाजी को भी निखार रहे हैं, तो चयनकर्ताओं के लिए वह एक “2 इन 1 पैकेज” की तरह हो सकते हैं। भारतीय टीम में हमेशा से ऐसे खिलाड़ियों को वरीयता दी गई है जो दोहरी भूमिका निभा सकें — खासकर जब ऑलराउंडर्स की मांग बढ़ रही हो।
टीम चयन को लेकर क्या है ताजा अपडेट?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एशिया कप की टीम में अंतिम स्थान के लिए मुकाबला अब चार खिलाड़ियों के बीच है:
-
रिंकू सिंह
-
श्रेयस अय्यर
-
वॉशिंगटन सुंदर
-
रियान पराग
इनमें से किसी एक को अंतिम सदस्य के रूप में स्क्वाड में जगह मिल सकती है। जहां श्रेयस और रियान पराग मुख्य रूप से बल्लेबाज हैं, वहीं सुंदर और रिंकू अपने ऑफ स्पिन के जरिए गेंदबाजी विकल्प भी देते हैं।
ऐसे में रिंकू को बैटिंग+बॉलिंग+फील्डिंग के समग्र योगदान के आधार पर प्राथमिकता मिल सकती है, खासकर जब चयनकर्ता मल्टी-डायमेंशनल प्लेयर की तलाश में हों।
क्यों रिंकू बन सकते हैं ‘X-Factor’?
-
बेहतर स्ट्राइक रेट: रिंकू डेथ ओवर्स में विस्फोटक बल्लेबाजी कर सकते हैं।
-
गेंदबाजी में नयापन: एक पार्ट-टाइम बॉलर के रूप में उन्होंने विविधता दिखाई है।
-
कप्तानी अनुभव: घरेलू स्तर पर कप्तानी करने का अनुभव है।
-
फील्डिंग में तेज़ी: सीमित ओवर्स के फॉर्मेट में फुर्तीले फील्डर्स की जरूरत बढ़ गई है।
क्या चयनकर्ता दिखाएंगे भरोसा?
रिंकू सिंह ने मैदान पर जो प्रदर्शन किया है, वह उन्हें स्क्वाड के बेहद करीब ले जाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चयनकर्ता उन्हें सिर्फ फिनिशर के रूप में देखते हैं, या एक ऑलराउंडर के तौर पर भी मौका देते हैं।
अगर उन्हें मौका मिलता है, तो एशिया कप 2025 में रिंकू सिंह भारत के लिए एक सरप्राइज पैकेज साबित हो सकते हैं — खासकर मध्य ओवरों में गेंदबाजी करते हुए और अंत में बल्लेबाजी में विस्फोट करते हुए।
निष्कर्ष
रिंकू सिंह का चयन अब केवल उनके बल्ले पर नहीं, बल्कि गेंद और संपूर्ण योगदान पर निर्भर करेगा। उन्होंने समय रहते यह दिखा दिया है कि वह सिर्फ फिनिशर नहीं, बल्कि एक ऑलराउंड टीम प्लेयर बनने की क्षमता रखते हैं। अब बारी है चयनकर्ताओं की, जो 19 अगस्त को यह तय करेंगे कि क्या रिंकू सिंह को एशिया कप का टिकट मिलेगा या नहीं।
फैंस को उम्मीद है कि रिंकू का संघर्ष, मेहनत और लचीलापन रंग लाएगा — और भारत को मिलेगा एक नया मैच विनर