हिसार: पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की पांच दिन की पुलिस रिमांड आज समाप्त हो रही है। इसी के चलते हरियाणा पुलिस आज ज्योति को हिसार जिला अदालत में पेश करने जा रही है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कोर्ट उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजता है या पुलिस दोबारा उसकी रिमांड की मांग करती है।
गौरतलब है कि यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान की एक खुफिया एजेंसी से जुड़ी थी और संवेदनशील जानकारी लीक कर रही थी।
घंटों पूछताछ, चौंकाने वाले खुलासे
बीते पांच दिनों में हिसार पुलिस ने ज्योति से अलग-अलग राउंड में कई घंटों तक गहन पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार, ज्योति पाकिस्तानी ऑपरेटिव एजेंसी (POI) से संपर्क में थी, हालांकि अब तक किसी सीधे आतंकी संगठन से उसके संबंध के प्रमाण नहीं मिले हैं।
उसके पास से बरामद तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप की गहन फॉरेंसिक जांच की जा रही है। इन डिवाइसेज से कई चैट और डेटा मिले हैं जो संदिग्ध माने जा रहे हैं। इसके अलावा, वीडियो फुटेज में कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों से उसका संपर्क देखा गया है, जिसकी एक सूची तैयार की गई है।
वायरल डायरी अब तक पुलिस के पास नहीं
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक कथित डायरी के कुछ पन्ने वायरल हुए थे, जिनमें जासूसी से जुड़ी बातें लिखी बताई जा रही हैं। हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह डायरी उनके पास नहीं है और इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह डायरी ज्योति मल्होत्रा की ही है।
खुफिया एजेंसियों ने भी की पूछताछ
ज्योति की गिरफ्तारी के बाद सिर्फ स्थानीय पुलिस ही नहीं, बल्कि एनआईए, मिलिट्री इंटेलिजेंस, और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी उससे अलग-अलग समय पर पूछताछ की है। हरियाणा पुलिस की जांच अंतिम चरण में है और वह जल्द ही प्राइमरी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने की तैयारी कर रही है। वहीं अन्य एजेंसियां भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।
क्या होती है ज्यूडिशियल कस्टडी?
ज्यूडिशियल कस्टडी का अर्थ होता है कि आरोपी को पुलिस की हिरासत से निकालकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाता है। इसमें आरोपी को जेल में रखा जाता है और मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना उससे पूछताछ नहीं की जा सकती। यह कस्टडी अधिकतम 14 दिन के लिए दी जा सकती है, जिसे समय-समय पर बढ़ाया भी जा सकता है।
आज कोर्ट यह फैसला करेगा कि क्या ज्योति को आगे की जांच के लिए दोबारा पुलिस रिमांड में भेजा जाए या फिर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाए।
अब तक की जांच में क्या सामने आया?
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तीन मोबाइल फोन से कई संदिग्ध चैट्स मिलीं।
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लैपटॉप से महत्वपूर्ण डेटा पुलिस ने जब्त किया है।
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वीडियो फुटेज में कुछ पाकिस्तानी नागरिकों व अधिकारियों से संपर्क की पुष्टि।
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कथित डायरी की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई।
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आतंकी संगठनों से सीधा संबंध नहीं लेकिन संदिग्ध नेटवर्क की संभावना।
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सोशल मीडिया पर ज्योति की गतिविधियों की भी जांच जारी।
आज दोपहर बाद होगी कोर्ट में पेशी
आज दोपहर बाद ज्योति को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहां पुलिस अपनी रिपोर्ट और अब तक की जांच के निष्कर्ष अदालत के समक्ष रखेगी। यदि कोर्ट को लगता है कि पूछताछ अब भी अधूरी है या और कड़ियां जोड़ी जानी हैं, तो पुलिस को दोबारा रिमांड मिल सकती है।
निष्कर्ष
ज्योति मल्होत्रा का केस केवल एक यूट्यूबर की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के खतरों को उजागर करता है। यह मामला यह भी साबित करता है कि तकनीक और सूचना के इस दौर में खुफिया तंत्र को और भी सतर्क और आधुनिक होने की जरूरत है।
अब देखना यह होगा कि अदालत आगे क्या फैसला सुनाती है — क्या जांच अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंची है या अभी और गहराई में जाना बाकी है?