सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार दूसरे दिन वक्फ कानून पर सुनवाई जारी रहेगी। इस कानून के खिलाफ कोर्ट में 100 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। पिछले दिन हुई सुनवाई में, कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में जवाब तलब किया है, जबकि कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वाथन की बेंच सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान, विशेष रूप से वक्फ ट्रस्ट में गैर-मुस्लिमों को शामिल किए जाने पर अदालत ने नाराजगी जताई, हालांकि कानून पर रोक लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया।
तीन विवादित प्रावधानों पर जोर
कई याचिकाओं में वक्फ कानून के तीन प्रावधानों का विरोध किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान इन प्रावधानों का जिक्र किया गया, और इन पर केंद्र सरकार ने भी अपना विरोध दर्ज कराया। इन तीन प्रावधानों को लेकर मुख्य विवाद उठाया गया है:
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वक्फ संपत्ति की डी-नोटिफिकेशन नहीं होगी - याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वक्फ संपत्तियों को डी-नोटिफाई करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, चाहे वे वक्फ बाय यूजर हों या वक्फ बाय डीड।
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वक्फ संपत्ति के सर्वेक्षण में बदलाव नहीं किया जा सकेगा - अगर कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे करते हैं, तो उसकी प्रकृति नहीं बदली जा सकेगी और उन्हें कोर्ट को सूचित करना होगा।
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वक्फ बोर्ड के सदस्य केवल मुस्लिम हो सकते हैं - याचिकाओं का कहना है कि वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए, सिवाय उन लोगों के जो पदेन सदस्य हैं।
एसजी और सीजेआई के बीच तीखी बहस
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए एसजी (सॉलिसिटर जनरल) तुषार मेहता ने भी अपनी दलीलें दीं। एक मोड़ पर सुनवाई का माहौल उस समय गरम हो गया जब एसजी ने आरोप लगाया कि इस मामले में सुनवाई कर रहे तीनों जज हिंदू हैं। इस पर सीजेआई संजीव खन्ना ने जवाब देते हुए कहा कि जब हम यहां पर बैठे होते हैं, तो हमारी व्यक्तिगत पहचान मायने नहीं रखती है। कानून के सामने सभी पक्ष समान होते हैं। उनका यह भी कहना था कि यह तुलना पूरी तरह से गलत है और अदालत निष्पक्षता से काम करेगी। इस पर एसजी और सीजेआई के बीच तीखी बहस हुई।
विरोध प्रदर्शन और हिंसा पर चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि उसे यह चिंता है कि कहीं ऐसा न लगे कि हिंसा का इस्तेमाल दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इस प्रकार की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले पर उचित फैसला लेकर कानून के क्रियान्वयन की दिशा तय करेगी।
आगे का रास्ता
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है, और वक्फ संपत्तियों के डी-नोटिफिकेशन, सर्वेक्षण और वक्फ बोर्ड के मुस्लिम सदस्यों के मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस मामले में फैसले की संभावना जल्द ही सामने आ सकती है, हालांकि कोर्ट ने कानून के तत्काल क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
मेटा डिस्क्रिप्शन:
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई होगी। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र से जवाब तलब किया और कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जानें इस मामले में क्या चल रही है सुनवाई।