अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी पदभार ग्रहण किए तीन महीने भी नहीं बिताए हैं, लेकिन उनकी नीतियों और फैसलों के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने न केवल ट्रंप, बल्कि उनके सहयोगी एलन मस्क के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
नाराजगी की वजहें
अमेरिकी जनता का गुस्सा ट्रंप की विभाजनकारी नीतियों को लेकर है। उनके कई फैसले नस्लीय और धार्मिक आधार पर भेदभाव के रूप में देखे जा रहे हैं। साथ ही, पर्यावरण, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी उनके रवैये से असंतोष बढ़ा है। न्यूयॉर्क की एक पेंटर शाइना केसनर ने कहा, "हर समय मैं बहुत क्रोधित हूं, क्योंकि अब हमारा देश उन लोगों के हाथ में है जिन पर गंभीर आरोप हैं।"
घर में भी मची तबाही
न्यू हैम्पशायर से आईं 64 वर्षीय डायने कोलिफ्रैथ ने बताया कि उनके साथ लगभग 100 लोग विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए हैं। उन्होंने कहा, "हम न केवल वैश्विक स्तर पर अपने सहयोगियों को खो रहे हैं, बल्कि हमारे देश के अंदर भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।"
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह विरोध केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहा। ट्रंप की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी और प्रवासी विरोधी रुख के खिलाफ लंदन, बर्लिन और पेरिस जैसे यूरोपीय शहरों में भी प्रदर्शन हुए। लंदन में अमेरिकी-ब्रिटिश नागरिक लिज चैंबरलिन ने कहा, "यह केवल अमेरिका की समस्या नहीं है, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।"
बर्लिन में सुसैन फेस्ट नाम की एक 70 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला ने कहा, "ट्रंप ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है। उनका व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है।"
संगठित आंदोलन और सोशल मीडिया पर उबाल
अमेरिका में मूवऑन और विमेंस मार्च जैसे संगठनों ने मिलकर 1,000 से अधिक शहरों में 'हैंड्स ऑफ अमेरिका' कार्यक्रम आयोजित किया। सोशल मीडिया पर #NotMyPresident और #Resist जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
इन प्रदर्शनों में शामिल लोगों की मांग है कि अमेरिका को एक बार फिर समानता, न्याय और संविधान की राह पर लाया जाए। वे ट्रंप प्रशासन से पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक अधिकारों के सम्मान की मांग कर रहे हैं।
एलन मस्कपर भी निशाना
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क को भी इस विरोध की लहर में शामिल किया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मस्क की सरकार के साथ नज़दीकी और उनकी कुछ नीतियों पर चुप्पी उन्हें इस प्रशासन का सहायक बना रही है। मस्क की कुछ टिप्पणियाँ और व्यापारिक फैसलों को भी लोगों ने ट्रंप समर्थक रवैये के रूप में देखा है।
निष्कर्ष
अमेरिका इस समय राजनीतिक और सामाजिक रूप से एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। देश के अंदर और बाहर दोनों ही जगह ट्रंप प्रशासन के खिलाफ विरोध की लहर तेज हो रही है। यह स्पष्ट है कि अमेरिकी नागरिक अपने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवाज़ बुलंद करने से पीछे नहीं हटेंगे। आगे आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह जनआंदोलन किस दिशा में जाता है और इसका अमेरिका की राजनीति पर कितना गहरा असर पड़ता है।