मुंबई, 06 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बांग्लादेश में अगला आम चुनाव अप्रैल 2026 में आयोजित किया जाएगा। यह घोषणा अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होंगे और इसके लिए चुनाव आयोग जल्द ही विस्तृत रोडमैप जारी करेगा। यूनुस ने भरोसा दिलाया कि अगले साल तक चुनाव से जुड़े सभी जरूरी सुधार पूरे कर लिए जाएंगे। मोहम्मद यूनुस को पिछले साल अगस्त में तब अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जब प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक सैन्य तख्तापलट में सत्ता से हटाया गया था। उस समय से लेकर अब तक अंतरिम सरकार पर लगातार दबाव बना हुआ है कि चुनाव जल्द कराए जाएं। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमा ने 22 मई को सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए साफ कहा था कि आम चुनाव इस साल दिसंबर से आगे नहीं बढ़ने चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि अंतरिम सरकार को संवेदनशील राष्ट्रीय मसलों पर फैसले नहीं लेने चाहिए। सेना की इस सख्त चेतावनी के बाद राजनीतिक हलकों में तनाव और बढ़ गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने भी मोहम्मद यूनुस पर दबाव बनाया था कि वह चुनाव की तारीख तय करें और दिसंबर में मतदान कराने की योजना सार्वजनिक करें। बीएनपी ने यह भी चेतावनी दी थी कि यदि सरकार जल्द चुनावी प्रक्रिया को स्पष्ट नहीं करती, तो पार्टी सरकार के साथ सहयोग समाप्त कर देगी। बांग्लादेश में चुनाव की प्रक्रिया भारत की लोकसभा चुनाव प्रणाली जैसी है। यहां संसद के लिए सदस्य चुने जाते हैं और फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली के तहत मतदान होता है, यानी जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक वोट मिलते हैं, वह विजेता होता है। चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन अपने नेता को प्रधानमंत्री चुनता है और राष्ट्रपति उसे शपथ दिलाते हैं। बांग्लादेश की संसद में कुल 350 सीटें हैं, जिनमें से 300 सीटों के लिए आम चुनाव होते हैं, जबकि 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं, जिन पर सीधे चुनाव नहीं कराया जाता। भारत की संसद में जहां लोकसभा और राज्यसभा दोनों होते हैं, वहीं बांग्लादेश में एकमात्र सदन है जिसे 'जतियो संसद' कहा जाता है।