मुंबई, 09 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के लॉस एंजिलिस शहर में अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालने की ट्रम्प सरकार की इमिग्रेशन पॉलिसी के खिलाफ बीते तीन दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। इस दौरान दो लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है। सड़कों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा अमेरिकी झंडे का अपमान भी देखा गया, जिससे हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इन घटनाओं के बाद सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया है कि जो प्रदर्शनकारी मास्क पहनकर आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि मास्क पहनने का उद्देश्य सुरक्षा कैमरों से पहचान छुपाना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि लॉस एंजिलिस शहर पर अवैध अप्रवासियों का कब्जा है और जल्द ही इसे मुक्त कराया जाएगा।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ट्रम्प ने खुद लॉस एंजिलिस में 2000 नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश दिया है, जो आमतौर पर राज्य के गवर्नर की सहमति से ही होता है। इस निर्णय का विरोध करते हुए कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिलिस की मेयर कैरेन बैस ने ट्रम्प पर कानूनी कार्रवाई की बात कही है। यह पहली बार है जब किसी राज्य में बिना राज्य सरकार की अनुमति के फेडरल स्तर पर नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है।
वहीं प्रदर्शन के दौरान मीडिया को भी निशाना बनाया गया। एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार लॉरेन टोमासी पर उस समय रबर बुलेट से हमला हुआ जब वह लाइव रिपोर्टिंग कर रही थीं। यह घटना रविवार को हुई और कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। पत्रकार की टांग में गोली लगी और आस-पास मौजूद अधिकारियों में से एक ने तुरंत कहा कि पत्रकार को गोली मार दी गई है। लॉरेन ने घटना के बाद कहा कि कई घंटों तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा और अब हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पुलिस घोड़ों पर सवार होकर प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने में जुटी है।
लॉस एंजिलिस में यह विरोध 6 और 7 जून को हुई छापेमारी की प्रतिक्रिया में हो रहा है, जो ट्रम्प की डिपोर्टेशन नीति का हिस्सा थी। सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान में कई अवैध अप्रवासियों को निशाना बनाया गया, जिसके बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई।