देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश अब आफत बनती जा रही है। एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून की पहली ही बारिश ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की पोल खोल दी है। इसके अलावा गुजरात के 101 तालुकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है।
मिदनापुर में बाढ़ के हालात, हजारों लोग प्रभावित
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के गरबेटा-1 और गरबेटा-2 ब्लॉक बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। शिलावती और तमाल नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण 14 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई है। प्रशासन ने कई हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में पहुंचाया है।
पलाशिया और चंद्रकोना जैसे इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। श्रीनगर स्टेट हाईवे तक पानी पहुंच चुका है, जहां लोग घुटनों तक पानी में चलने को मजबूर हैं। घोषकिरा गांव में शिलावती नदी का बांध टूट गया है, जिससे कई घरों में पानी घुस गया।
सड़कों और पुलों को नुकसान
लगातार बारिश से कई सड़कें और कच्चे पुल टूट चुके हैं। मिट्टी के बने सैकड़ों घरों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। शालबनी के औलारा इलाके में बांस का पुल टूट चुका है, जिससे गांव का संपर्क बाकी इलाकों से कट गया है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में भोजन और दवाओं की व्यवस्था की जा रही है।
घाटाल अनुमंडल एडमिनिस्ट्रेटर सुमन बिस्वास ने कहा कि “स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है, और सभी विभाग अलर्ट पर हैं।”
गुजरात में भी भारी बारिश का कहर
गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत और भरूच जिलों में बीते 24 घंटे में 4 से 7 इंच तक बारिश दर्ज की गई है। वलसाड के वापी तालुका में सबसे अधिक वर्षा हुई है। 101 तालुकों में बारिश की वजह से निचले इलाकों में जलभराव की खबरें हैं।
राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को सक्रिय किया है। बारिश का दौर अभी कुछ दिन और चलने की संभावना है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जयपुर में मानसून ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल
राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून की पहली बारिश ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। हवा महल, चांदी की टकसाल और आमेर रोड जैसे इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं और लोग घंटों ट्रैफिक जाम में फंसे रहे।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन हर साल यही गलती दोहराता है। जनता का गुस्सा इस बात पर है कि जब भी बारिश होती है, शहर की सड़कें तालाब बन जाती हैं।
सवालों के घेरे में प्रशासन
जयपुर में रहने वाले स्थानीय व्यापारी रमेश शर्मा का कहना है, “हर साल यही हाल होता है। बरसात आते ही सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन सिर्फ बैठकों में व्यस्त रहता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता।”
निष्कर्ष
देश के कई हिस्सों में भारी बारिश ने बाढ़ और जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। पश्चिम बंगाल में हजारों लोग बेघर हो गए हैं, गुजरात में बारिश ने गांवों को प्रभावित किया है और जयपुर में पहली बारिश ने स्मार्ट सिटी के दावों की असलियत सामने ला दी है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने और भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से राहत और बचाव कार्यों को तेज करे और भविष्य के लिए स्थायी समाधान तैयार करे, ताकि हर साल की इस बारिश की आपदा को टाला जा सके।