भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन सिंधु’ इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस विशेष राहत अभियान के तहत भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। बीती रात ईरान के मशहद शहर से पहली फ्लाइट भारत पहुंची, जिसमें करीब 290 भारतीय नागरिक सवार थे। इनमें से अधिकांश मेडिकल स्टूडेंट्स हैं, जो युद्धग्रस्त हालात में फंस गए थे।
भारत सरकार की तत्परता
ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण युद्ध की पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय ने मिलकर तेहरान से कोम और फिर मशहद तक फंसे भारतीयों को पहुंचाया, जहां से तीन विशेष फ्लाइट्स के जरिए उन्हें भारत लाया जाना है।
पहली फ्लाइट बीती रात दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी, बाकी दो फ्लाइट्स आज दिन में भारत पहुंचेंगी। अनुमान है कि इन तीनों फ्लाइट्स के माध्यम से करीब 1000 भारतीय नागरिक वतन लौटेंगे।
भारत लौटे लोगों की भावुक प्रतिक्रियाएं
जैसे ही दिल्ली में फ्लाइट उतरी, भारतीय नागरिकों की आंखों में आंसू थे लेकिन चेहरों पर राहत की मुस्कान थी। “भारत माता की जय” और “हिंदुस्तान जिंदाबाद” जैसे नारों से एयरपोर्ट गूंज उठा।
नोएडा निवासी तजकिया फातिमा ने बताया, “ईरान में हालात बेहद खराब हैं। इजरायल के हमलों से कई इमारतें ढह गई हैं, सड़कों पर सन्नाटा है और लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे, लेकिन भारत सरकार ने हमें बचा लिया।”
एलिया बतूल, जो मेडिकल की छात्रा हैं, ने कहा, “होटल में तो हमें ठहराया गया था, लेकिन अंदर से डर बना हुआ था। हमें डर था कि कहीं होटल ही अगला निशाना न बन जाए। आज जब हम भारत में हैं, तो सुकून है कि हम जिंदा वापस आए हैं। भारत सरकार और दूतावास की पूरी टीम ने हमारे लिए जो किया, वो हम कभी नहीं भूल सकते।”
जमीनी हालात: तबाही और दहशत
दिल्ली के अकबर, जो मशहद से लौटे हैं, ने बताया, “जब हम बस से मशहद जा रहे थे, तो हमने रास्ते में एक ड्रोन और मिसाइल गिरते देखा। उसके गिरते ही पास की इमारत चकनाचूर हो गई। वहां हर जगह तबाही है। इमारतें जमींदोज हैं, लोग डरे-सहमे हैं, और कई भारतीय अभी भी तेहरान में फंसे हुए हैं। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही उन्हें भी सुरक्षित बाहर निकाल लेगी।”
ईरान के कई इलाकों में इंटरनेट बंद, बैंकिंग ठप, और ऑफिशियल वर्क पूरी तरह रुका हुआ है। ऐसे में संपर्क बनाए रखना और समन्वय करना भी एक चुनौती है, जिसे भारतीय दूतावास पूरी निष्ठा से संभाल रहा है।
ऑपरेशन सिंधु की सफलता
‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत के कूटनीतिक और मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण है। इससे पहले भी भारत ने यमन, यूक्रेन और अफगानिस्तान जैसे संकटों से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन देवी शक्ति आदि सफलतापूर्वक चलाए थे। अब ईरान से भारतीयों की सुरक्षित वापसी एक और अध्याय जोड़ रही है भारत की वैश्विक जिम्मेदारियों में।
निष्कर्ष
जहां एक ओर दुनिया युद्ध की आग में झुलस रही है, वहीं भारत ने यह सिद्ध किया है कि वह अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास करेगा। ऑपरेशन सिंधु न केवल राहत और बचाव का कार्य है, बल्कि यह भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक भी है।