अयोध्या न्यूज डेस्क: ब्लैक स्पॉट बन रहे हादसों की वजह, जिम्मेदार बेखबर
अयोध्या में सड़क हादसों का सिलसिला थम नहीं रहा है। जिले में रोज़ाना हो रहे एक्सीडेंट लोगों की ज़िंदगियां निगल रहे हैं। प्रशासन भले ही चिंतित दिख रहा हो, लेकिन हाईवे और मुख्य सड़कों पर मौजूद खतरनाक 'ब्लैक स्पॉट्स' की हालत सुधारने में किसी की दिलचस्पी नहीं दिख रही। खराब सड़कों पर संकेतों की कमी, ओवर स्पीड, अतिक्रमण और आबादी वाले इलाकों में ट्रैफिक की गड़बड़ी ही हादसों की बड़ी वजह बन रही है। हर साल जिला सड़क सुरक्षा समिति की मीटिंग, चेकिंग, जागरूकता अभियान तो होते हैं, लेकिन हादसों पर लगाम नहीं लग रही।
32 ब्लैक स्पॉट्स, 51 हादसे, 28 मौतें... फिर भी सुधार नहीं
जिले में कुल 32 ब्लैक स्पॉट्स हैं, जिनमें 28 नेशनल हाईवे पर, 3 स्टेट हाईवे पर और 1 ग्रामीण सड़क पर है। साल 2025 में अब तक इन ब्लैक स्पॉट्स पर 51 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 28 लोगों की मौत हो चुकी है और 57 घायल हुए हैं। प्रशासन दावे तो करता है कि इन जगहों पर सुधार किए जा रहे हैं, लेकिन असल में हालात जस के तस बने हुए हैं। हर जगह बस दिखावे की कार्रवाई हो रही है, धरातल पर कुछ नहीं।
ट्रकों की अवैध पार्किंग बन रही मौत की वजह
गोरखपुर-लखनऊ हाईवे और उसकी सर्विस लेन पर ट्रकों और भारी वाहनों की अवैध पार्किंग आए दिन हादसों की वजह बन रही है। कुछ जगहों पर तो सर्विस लेन पर गैराज तक बना लिए गए हैं और मरम्मत का काम होता है। सहादतगंज, नाका, देवकाली जैसे इलाकों में सर्विस लेन पर कब्जा जमाए वाहन आम राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। सोमवार को इसी कारण एक बाइक सवार की ट्रक के नीचे दबकर मौत हो गई। इसके पहले भी कई मौते हो चुकी हैं।
चालान तो हो रहे, लेकिन ब्लैक स्पॉट्स पर असर नहीं
मई महीने में यातायात पुलिस ने 16 हजार से ज्यादा वाहनों का चालान काटा, लेकिन ब्लैक स्पॉट्स पर दुर्घटनाओं की रफ्तार थमी नहीं। चाहे नाका बाईपास हो, तहसीनपुर, चौरे बाजार, कुचेरा या मीतनपुर... हर जगह से मौत और घायल होने की खबरें आ रही हैं। यह हाल तब है जब शासन ने हाईवे पर अवैध पार्किंग रोकने के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन नतीजा वही 'ज्यों-ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता गया' वाली कहावत को साबित कर रहा है।