आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हर दिन सैकड़ों वीडियो और पोस्ट वायरल होते हैं। इनमें से कई वीडियो ऐसे होते हैं जो किसी विशेष समुदाय, धर्म या नेता को निशाना बनाते हुए एडिट किए गए होते हैं। आमतौर पर लोग बिना जांचे-परखे इन वीडियो पर विश्वास कर लेते हैं और उन्हें आगे शेयर कर देते हैं। इसी सिलसिले में एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों से बकरीद की नमाज के बाद छेड़खानी न करने की अपील की है।
क्या है वायरल वीडियो का दावा?
5 मई 2025 को फेसबुक पर एक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें पीएम मोदी को यह कहते हुए दिखाया गया कि "17 जून को बकरीद है, कृपया कोई भी मियां भाई से बकरीद की नमाज के बाद छेड़खानी न करे।" इसके बाद यही वीडियो 10 मई को यूट्यूब पर भी वायरल हुआ। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया कि यह प्रधानमंत्री का आधिकारिक बयान है, जिसमें वे विशेष समुदाय को निशाना बना रहे हैं।
फैक्ट चेक में क्या सामने आया?
जब इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने इस वायरल वीडियो की जांच की, तो कई चौंकाने वाली सच्चाइयां सामने आईं:
1. वीडियो की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली
सबसे पहले टीम ने गूगल पर इस कथित बयान से जुड़े कीवर्ड्स जैसे "PM Modi Bakrid statement 2025" आदि से सर्च किया। लेकिन किसी भी प्रामाणिक समाचार वेबसाइट या सरकारी स्रोत पर इस प्रकार के बयान की पुष्टि नहीं मिली। यह पहला संकेत था कि वीडियो संदिग्ध है।
2. रिवर्स इमेज सर्च से असली वीडियो मिला
इसके बाद वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल लेंस के ज़रिए रिवर्स इमेज सर्च किया गया। परिणामस्वरूप फैक्ट चेक टीम को ‘The Indian Express’ के यूट्यूब चैनल पर 8 फरवरी 2023 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जो पीटीआई न्यूज एजेंसी द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।
इस वीडियो में पीएम मोदी ने लोकसभा में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। इस दौरान उन्होंने कहीं भी बकरीद या किसी समुदाय विशेष को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की थी।
3. वायरल और असली वीडियो की तुलना
वायरल वीडियो और असली लोकसभा भाषण की तुलना करने पर यह साफ हो गया कि पीएम मोदी के हावभाव, कपड़े और मंच की पृष्ठभूमि एक जैसी थी। लेकिन ऑडियो पूरी तरह एडिट किया गया था। फर्जी ऑडियो को जोड़कर बयान को झूठे दावे के साथ शेयर किया गया।
4. डीडी नेशनल की पुष्टि
वहीं, डीडी नेशनल के यूट्यूब चैनल पर भी 8 फरवरी 2023 की लोकसभा कार्यवाही का वीडियो मौजूद है, जिसमें 1 घंटे 22 मिनट के आसपास पीएम मोदी वही भाषण दे रहे हैं जिसका वीडियो काटकर वायरल किया गया।
इससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि यह एक एडिटेड वीडियो है, जिसमें असली वीडियो से ऑडियो बदल दिया गया है।
हकीकत क्या है?
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पीएम मोदी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।
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वायरल वीडियो फरवरी 2023 की लोकसभा कार्यवाही का है, जिसे एडिट किया गया है।
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सोशल मीडिया पर फैलाया गया दावा पूरी तरह फर्जी और भ्रामक है।
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इस साल बकरीद 6 या 7 जून को मनाई जाएगी, न कि 17 जून को।
भ्रामक पोस्ट से कैसे बचें?
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किसी भी वीडियो पर आंख मूंदकर विश्वास न करें।
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ऑफिशियल न्यूज वेबसाइट और चैनलों से पुष्टि करें।
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रिवर्स इमेज सर्च और फैक्ट चेक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें।
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फॉरवर्ड करने से पहले सोचें – कहीं आप भी फेक न्यूज का हिस्सा तो नहीं बन रहे?
निष्कर्ष:
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो पूरी तरह फर्जी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बकरीद को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह वीडियो 2023 की लोकसभा कार्यवाही का हिस्सा है, जिसे एडिट करके भ्रामक ऑडियो के साथ शेयर किया गया है। सभी पाठकों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि किसी भी वायरल वीडियो या संदेश को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं।