अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या नगर निगम एक बार फिर विवादों में है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस वीडियो में नगर निगम के प्रवर्तन दल के अधिकारी और कर्मचारी कुछ लोगों को दीवार के सहारे उल्टा खड़ा कर डराते और धमकाते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना नगर निगम के जोनल कार्यालय की है, जहां 8 से 10 युवकों को इस तरह की सजा दी गई। वीडियो सामने आने के बाद अयोध्या के महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए।
जांच के शुरुआती चरण में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जिन लोगों को प्रताड़ित किया गया, वे नगर निगम के सफाई कर्मचारी हैं या ठेले-खोमचे वाले। नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने कहा कि मामले की रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि किसी भी नागरिक के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अयोध्या नगर निगम के प्रवर्तन दल में कई भूतपूर्व सैनिक शामिल हैं, जिन्हें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ड्यूटी पर लगाया गया है। राज द्वार पार्क इलाके में एक ठेले वाले को उल्टा खड़ा कर प्रताड़ित करने की घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और तीन प्रवर्तन दल के कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन कर्मचारियों ने अनुशासनहीनता और शक्ति का दुरुपयोग किया था।
नगर निगम प्रशासन ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही, जांच पूरी होने तक निलंबित कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं मिलेगा। इस घटना ने नगर निगम की छवि पर गहरा असर डाला है और नागरिकों के बीच आक्रोश भी देखा जा रहा है।