अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में इन दिनों भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। पंचकोसी परिक्रमा के अवसर पर पूरी रामनगरी “जय श्रीराम” और “सीताराम” के जयघोष से गूंज उठी है। मंदिरों की घंटियां और भजन-कीर्तन की ध्वनि वातावरण में ऐसी ऊर्जा भर रही हैं कि हर कोई राममय हो गया है। सुबह चार बजे से ही मंदिरों के द्वार खुल गए और दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालु परिक्रमा के बाद हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि और कनक भवन पहुंचकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं।
भक्तों का मानना है कि पंचकोसी परिक्रमा और प्रमुख तीर्थों के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक है कि हर ओर लोगों की आस्था का सागर उमड़ पड़ा है। प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस और स्वयंसेवक लगातार भीड़ को संभालने में लगे हैं ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि और कनक भवन जैसे प्रमुख मंदिरों में देर रात तक भक्तों की भीड़ बनी हुई है। देश के कोने-कोने—जम्मू-कश्मीर, गुजरात, बिहार, मुंबई और उत्तराखंड से श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे हैं। हर ओर आस्था का माहौल है और ऐसा लग रहा है मानो अयोध्या एक दिव्य महाकुंभ में तब्दील हो गई हो। प्रशासन की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग, सुरक्षा जांच और दिशा-निर्देशों से भक्तों को काफी सुविधा मिल रही है।
दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर स्वयं को धन्य मान रहे हैं। कई भक्तों ने कहा कि इतनी विशाल भीड़ के बावजूद व्यवस्था बेहद सुचारू रही, जिसके लिए उन्होंने योगी सरकार की सराहना की। लोगों ने अपील की कि हर व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार अयोध्या आकर रामलला और हनुमानजी के दर्शन अवश्य करने चाहिए। अयोध्या इस समय सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भक्ति, प्रेम और दिव्यता की सजीव झलक बन चुकी है।