अयोध्या न्यूज डेस्क: देश के 18 शहरों में अब लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत देने के लिए वॉटर मेट्रो चलाई जाएगी। इस नई सुविधा के ज़रिए लोग जलमार्ग से यात्रा कर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश के तीन बड़े शहर — वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज — भी शामिल हैं। यह योजना पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अधीन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) द्वारा तैयार की गई है।
बनारस, पटना और श्रीनगर जैसे शहरों में हुए सर्वेक्षण में इस प्रोजेक्ट को लेकर सकारात्मक नतीजे मिले हैं। वाराणसी में आठ स्थानों पर स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें रामनगर टर्मिनल, शास्त्री घाट, संत रविदास घाट, चेतसिंह घाट, ललिता घाट (काशी विश्वनाथ मंदिर के पास), पंचगंगा घाट, नमो घाट और आदिकेशव घाट शामिल हैं। इससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों को यात्रा में बड़ी सुविधा मिलेगी।
वॉटर मेट्रो का संचालन राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 पर किया जाएगा, जो बनारस, अयोध्या, प्रयागराज, पटना और कोलकाता जैसे शहरों को जोड़ेगा। इस परियोजना को पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित बताया गया है। बढ़ती जनसंख्या और ट्रैफिक दबाव के बीच यह भविष्य में सार्वजनिक परिवहन का एक आधुनिक और टिकाऊ विकल्प बनेगी।
इस महत्वाकांक्षी अर्बन वॉटर मेट्रो प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड को दी गई है। उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक सभी शहरों में सर्वे पूरा कर रिपोर्ट सौंपनी है। इस योजना में कुल 18 शहर शामिल हैं — गुवाहाटी, तेजपुर, डिब्रूगढ़, श्रीनगर, अयोध्या, प्रयागराज, बनारस, पटना, कोलकाता, कटक, कोल्लम, अलप्पुझा, मंगलौर, गांधीनगर, गोवा, सूरत, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप।