अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या की हनुमानगढ़ी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में मिलावट की खबर ने श्रद्धालुओं को चिंता में डाल दिया है। फूड सेफ्टी विभाग ने 29 सितंबर को मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वाली दुकानों से 31 सैंपल लिए थे। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि इनमें से तीन सैंपल फेल हुए हैं। खासकर देसी घी, बेसन और लड्डुओं में गड़बड़ी मिली है। घी में बासीपन की मात्रा ज्यादा पाई गई, बेसन और लड्डुओं में कृत्रिम रंग मिलाए गए थे।
हनुमानगढ़ी के बाहर करीब 250 दुकानों पर रोजाना 40–50 क्विंटल लड्डू बिकते हैं। मंगलवार और शनिवार को यह बिक्री 60–70 क्विंटल तक पहुंच जाती है। प्रतिदिन लगभग 10 हजार श्रद्धालु इन लड्डुओं को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। ऐसे में मिलावट का सामने आना न केवल आस्था, बल्कि श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है।
संत संजय दास ने घोषणा की है कि अब मंदिर में केवल देसी घी से बने लड्डुओं का ही भोग लगाया जाएगा। उन्होंने प्रसाद बनाने वाले परिवारों और व्यापारियों से साफ कहा कि वनस्पति तेल या अन्य मिलावटी सामग्री से बने लड्डुओं पर रोक लगाई जाए। इससे पहले भी प्रसाद विक्रेताओं को चेतावनी दी गई थी कि लड्डू केवल उच्च गुणवत्ता वाले बेसन और शुद्ध देसी घी से तैयार किए जाएं। बावजूद इसके, जांच में मिलावट का मिलना बेहद गंभीर है।
सिर्फ लड्डू ही नहीं, बल्कि एक दुकान से लिया गया पनीर का सैंपल भी फेल हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि कृत्रिम रंग शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं और घी में मिलावट दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या प्रशासन और मंदिर प्रबंधन मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और सेहत दोनों सुरक्षित रह सकें।