अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या के स्वास्थ्य विभाग ने इस साल मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी सफलता हासिल की है। पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए, अक्टूबर 2025 तक जिले में कुल 16,344 संस्थागत प्रसव दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा पिछले कई वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुशील कुमार बनियान ने इस उपलब्धि के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी और इसे टीमवर्क का नतीजा बताया।
पहले जिले में संस्थागत प्रसव का ग्राफ कई कारणों से स्थिर था — दलाली प्रथा, अस्पतालों की लापरवाही, चिकित्सकों की उदासीनता और संसाधनों की कमी। इन चुनौतियों को देखते हुए, सीएमओ ने एक विशेष अभियान शुरू किया। उन्होंने सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दी और सिजेरियन सेवाओं को मजबूत किया। परिणामस्वरूप, इस साल के अंत तक रिकॉर्ड तोड़ 16,344 प्रसव दर्ज हुए।
स्वास्थ्य विभाग ने "मिशन किलकारी" के तहत मुफ्त प्रसव सेवाओं का व्यापक प्रचार किया। महिलाओं के लिए नियंत्रण कक्ष का मोबाइल नंबर जारी किया गया, और सिजेरियन प्रसव से जन्मे बच्चों और माताओं को विशेष किट दी गईं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर पौष्टिक खाद्य सामग्री वितरित की गई। साथ ही, लापरवाही बरतने वाली आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई और निष्क्रिय ऑपरेशन थिएटरों को फिर से चालू किया गया, जिससे अस्पतालों में प्रसव सेवाएं फिर से सक्रिय हुईं।
आंकड़ों के अनुसार, महिला अस्पताल ने 2,295 प्रसवों के साथ सबसे अधिक योगदान दिया। सीएचसी रुदौली में 2,228, मेडिकल कॉलेज में 1,291, सोहावल में 1,409, बीकापुर में 1,333, मवई में 1,217 और अमानीगंज में 1,092 प्रसव दर्ज किए गए। सीएमओ ने कहा कि संस्थागत प्रसव बढ़ाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता रही है, और नतीजों से साबित होता है कि सरकारी प्रयास अब सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।