अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में बच्चों में क्षय रोग (टीबी) के समय पर निदान और इलाज सुनिश्चित करने के लिए जिला महिला अस्पताल में अहम बैठक हुई। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संदीप शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सदस्य और जिले के सरकारी व निजी डॉक्टर शामिल हुए।
बैठक में बच्चों में टीबी के बढ़ते मामलों की पहचान, शीघ्र जांच और प्रभावी इलाज पर चर्चा की गई। खासतौर पर गास्ट्रिक लावाज और प्रेरित थूक तकनीक से बच्चों के नमूने लेने और निदान में इसकी भूमिका पर जोर दिया गया। जनवरी से जुलाई 2025 के बीच अयोध्या जिले में 0 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 349 बच्चे टीबी से संक्रमित पाए गए, जिनमें 48 के नमूने गास्ट्रिक लावाज और 6 के नमूने प्रेरित थूक विधि से लिए गए।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि बच्चों में टीबी के लक्षण सामान्य बीमारियों जैसे लग सकते हैं, जिससे समय पर पहचान मुश्किल हो जाती है। ऐसे में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भूमिका बेहद जरूरी है, ताकि हर बच्चे तक सही समय पर उपचार पहुंच सके।
बैठक में डॉ. शिशिर श्रीवास्तव ने पेडियाट्रिक टीबी की पहचान के उन्नत तरीकों और त्वरित उपचार की अहमियत पर जानकारी दी। इस पहल से सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में तालमेल बढ़ेगा और जिले में बच्चों के स्वास्थ्य व टीबी नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकेगा।