अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में इस बार दिवाली से पहले रामलीला को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। संत समाज का कहना है कि रामायण की दिव्यता और मर्यादा को फिल्मों जैसा दिखाकर उसके स्वरूप से छेड़छाड़ की जा रही है। उन्होंने साफ ऐलान किया है कि अब एक्टर-एक्ट्रेस से सजी रामलीला को स्वीकार नहीं किया जाएगा और उसका बहिष्कार किया जाएगा।
हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी और संकट मोचन सेना के प्रमुख महंत संजय दास ने तीखा बयान दिया कि मनोरंजन की आड़ में भगवान राम की लीला को फिल्मी अंदाज में पेश करना भक्तों की आस्था पर चोट है। उनका कहना है कि यह रामलीला की आत्मा को विकृत कर रही है।
महंत संजय दास ने यह भी आरोप लगाया कि राम, लक्ष्मण और सीता जैसे पवित्र पात्रों की भूमिका निभाने वाले कुछ कलाकार धार्मिक मर्यादाओं के अनुरूप जीवन नहीं जीते। उनका कहना है कि शराब पीने वाले, मांसाहारी और विवादित छवि वाले लोग जब ऐसे किरदार निभाते हैं तो यह धर्म और आस्था का अपमान है।
गौरतलब है कि 22 सितंबर से रामकथा पार्क में शुरू हो रही इस भव्य रामलीला का निर्देशन निर्माता सुभाष मलिक कर रहे हैं, जिसमें टीवी और फिल्म जगत के कई नामचीन चेहरे शामिल होंगे। लेकिन संत समाज ने साफ कर दिया है कि अगर इस तरह की "फिल्मी रामलीला" होती है तो वे न केवल इसका बहिष्कार करेंगे बल्कि जनता से भी दूर रहने की अपील करेंगे। फिलहाल, अयोध्या में संतों और आयोजकों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है।