अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है। 25 नवंबर को राम मंदिर में भव्य ध्वजारोहण समारोह होने जा रहा है, जो पूरे विश्व के लिए गर्व का क्षण बनेगा। इस समय राम की नगरी भक्ति और उल्लास के रंग में पूरी तरह रंग चुकी है। सड़कों से लेकर घाटों तक हर जगह जय श्रीराम के नारे गूंज रहे हैं, और पूरा शहर दीपों व भगवा झंडों से सजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रभु श्रीराम की नगरी में पहुंचने वाले हैं।
इस समारोह को लेकर सुरक्षा और व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। हर कोना प्रकाश और भक्ति से जगमगा रहा है। यह अवसर न सिर्फ एक धार्मिक पर्व है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक भी है। 25 नवंबर को अयोध्या में ध्वजारोहण के साथ एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का अयोध्या से गहरा जुड़ाव रहा है। उन्होंने भूमि पूजन (2020), दीपोत्सव (2022), रोड शो (2023) और प्राण प्रतिष्ठा (2024) जैसे ऐतिहासिक क्षणों में भाग लिया। अब 25 नवंबर 2025 को वे फिर अयोध्या आकर राम मंदिर की पूर्णता का ध्वज फहराएंगे। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के गौरवपूर्ण पुनरुत्थान का प्रतीक होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या आज विकास और आस्था दोनों की मिसाल बन चुकी है। आधुनिक रेलवे स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, सुंदर सड़कें और पर्यटन सुविधाएं इसे वैश्विक पहचान दे रही हैं। महंत शशिकांत दास के अनुसार, 25 नवंबर सिर्फ ध्वजारोहण का पर्व नहीं, बल्कि पांच सौ वर्षों के संघर्ष की पूर्णता का दिन है — जहां आस्था और इतिहास फिर से एक साथ जीवित हो उठेंगे।