अयोध्या न्यूज डेस्क: अयोध्या में इस दीपोत्सव के मौके पर एक अनोखा आकर्षण देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन किया जाने वाला यह संग्रहालय रामायण पर आधारित दुनिया का पहला मोम म्यूजियम है। चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के पास, काशीराम कॉलोनी के सामने स्थित इस संग्रहालय में त्रेता युग का वातावरण जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए एक खास अनुभव साबित होगा।
संग्रहालय का कुल क्षेत्रफल 9,850 वर्ग फुट है और ₹6 करोड़ की लागत से इसे विकसित किया गया है। यह दो मंजिला संग्रहालय रामायण के प्रमुख प्रसंगों को दर्शाने वाली 50 सजीव मोम की मूर्तियों से सजा है। भूतल पर भगवान राम के बचपन और सीता स्वयंवर के दृश्य दिखाई देते हैं, जबकि पहली मंजिल पर राम का वनवास, लंका दहन और राम-रावण युद्ध को यथार्थ रूप में प्रदर्शित किया गया है। प्रत्येक मूर्ति में विशेष पोशाक, प्रकाश और भाव-भंगिमा का ध्यान रखा गया है, जिससे आगंतुकों को त्रेता युग का अनुभव हो।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ दीपोत्सव 2025 के दौरान इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे, जिसे नगर निगम के सहयोग से संचालित किया जाएगा। संग्रहालय के राजस्व का 12 प्रतिशत सीधे नगर निगम को मिलेगा, जिससे अयोध्या के विकास में योगदान होगा। केरल की एक कंपनी ने इसे तैयार किया है, जिसने पहले लोनावाला और तिरुवनंतपुरम में वैक्स म्यूजियम बनाए थे।
कंपनी के प्रमुख सुनील ने बताया कि रामायण म्यूजियम में पात्रों को इतनी बारीकी से उकेरा गया है कि आगंतुकों को ऐसा लगेगा जैसे वे त्रेता युग में यात्रा कर रहे हों। दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित यह संग्रहालय न केवल रामायण के प्रसंगों को जीवंत करता है, बल्कि इसे एक शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभव के रूप में भी प्रस्तुत करता है।