अयोध्या न्यूज डेस्क: राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने पुष्कर में ब्रह्मलोक कॉरिडोर को और अधिक भव्य बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि अयोध्या और काशी की तर्ज पर इस कॉरिडोर को विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस प्रोजेक्ट को सार्वजनिक करने की अपील की, ताकि स्थानीय लोगों को इसकी पूरी जानकारी मिल सके और किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे। साथ ही, राठौड़ ने पुष्कर विकास प्राधिकरण को लागू करने की भी मांग उठाई, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास में मदद मिल सके।
राठौड़ ने स्पष्ट किया कि ब्रह्मलोक कॉरिडोर का कोई विरोध नहीं कर रहा, बल्कि इसे सार्वजनिक न करने से स्थानीय लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मकान-दुकान टूटने की आशंका के कारण लोग चिंतित हैं, इसलिए सरकार को पुष्करवासियों को भरोसे में लेकर इस प्रोजेक्ट का मॉडल सामने रखना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि गहलोत सरकार के दौरान यह ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसके लिए कांग्रेस नेता वैद्यनाथ पाराशर और तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ के प्रतिनिधियों ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दौरा कर सहमति जताई थी।
पूर्व सरकार ने पुष्कर विकास प्राधिकरण बोर्ड के गठन और 500 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। राठौड़ ने मौजूदा सरकार से इसे जल्द से जल्द लागू करने की अपील की और कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी से भी मुलाकात की जाएगी। उनका मानना है कि पुष्कर के विकास के लिए यह प्राधिकरण बेहद जरूरी है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्थान का सुव्यवस्थित विकास हो सके।
इसके अलावा, धर्मेंद्र राठौड़ ने केंद्र सरकार से राजस्थान के EWS आरक्षण मॉडल को पूरे देश में लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने इस नीति को सरल बनाते हुए संपत्ति की शर्तों को हटा दिया और केवल 8 लाख रुपये की वार्षिक आय के आधार पर आरक्षण लागू किया। इससे सामान्य वर्ग के युवाओं को नौकरियों में बड़ा लाभ मिला। उन्होंने केंद्र से अपील की कि इस मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए, ताकि केंद्र सरकार की नौकरियों में भी समान अवसर मिल सकें। इसके अलावा, उन्होंने पंचायती राज में OBC की तरह EWS आरक्षण लागू करने की भी मांग की।