अयोध्या न्यूज डेस्क: राज्य सभा में संविधान पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर कड़ा हमला बोला। वोटर लिस्ट से नाम काटने के मामले में उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि बीजेपी ने जानबूझकर दिल्ली में तुगलकाबाद के बूथ पर बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम कटवाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर उनकी पार्टी विरोध करेगी और पूर्वांचल के लोग बीजेपी के खिलाफ उठ खड़े होंगे।
संजय सिंह ने बीजेपी की ओर से किए गए एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नेता सदन जेपी नड्डा ने यह सवाल उठाया था कि क्या जिनके नाम काटे गए हैं, वे बांग्लादेशी या रोहिंग्या मुसलमान हैं। इस पर संजय सिंह ने कहा, “हमारे पूर्वांचली भाई मेहनत करके पसीना बहाते हैं, और इन्हें कैसे हिम्मत हुई हमारे लोगों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी कहने की।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनावों में गड़बड़ी कर सत्ता में बने रहना चाहती है, जो दिल्ली में किसी भी सूरत में नहीं चलेगा।
संजय सिंह ने इसके बाद केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि पिछले 10 सालों से देश में किसकी सरकार है। उन्होंने सवाल किया, “क्या यह ट्रंप या ओबामा की सरकार है? 10 साल से यहां महामानव की सरकार है।” इसके बाद उन्होंने सीमा सुरक्षा का मुद्दा उठाया और यह पूछा कि बांग्लादेश से कौन व्यक्ति बिना रोक-टोक के दिल्ली कैसे पहुंचा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है।
संजय सिंह ने इस मौके पर बीजेपी नेताओं के बारे में कहा कि जब भाजपा के नेताओं को दर्शन करना होता है तो वे मस्जिदों में भगवान के दर्शन करने जाते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि वे पूरी देश की मस्जिदों में मंदिर ढूंढ रहे हैं। सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश में 'भारत खोदो योजना' चला रही है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।
जब संजय सिंह ने राज्य सभा में किसी की ओर जेल भेजने की बात की, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “जिस दिन सत्ता बदलेगी, कोई भी बाहर नहीं रहेगा। बस तीन घंटे के लिए ईडी और सीबीआई दे दो, मैं सबको जेल भेज दूंगा।”
संजय सिंह ने इस मौके पर स्पष्ट किया कि बीजेपी अपनी सत्ता को बचाने के लिए चुनावों में गड़बड़ी करना चाहती है, लेकिन वे इस कोशिश में सफल नहीं होंगे। उन्होंने संविधान को बचाने की बात करते हुए चेतावनी दी कि अगर चुनावों में गड़बड़ी हुई तो यह देश और संविधान के लिए खतरा बनेगा।