अयोध्या न्यूज डेस्क: जनपद अयोध्या के पांचों तहसीलों में लगने वाली साप्ताहिक बाजारों में 10 हजार से अधिक दुकानदार रोज़गार की तलाश में आते हैं, लेकिन जगह की कमी और स्थायी जमीन न होने के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सब्जी, कपड़े, रंग, मसाले और फास्ट फूड जैसी चीज़ें बेचने वाले दुकानदार सड़क किनारे या फुटपाथ पर बैठने को मजबूर हैं। पुलिस और स्थानीय दुकानदारों से अक्सर इन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है, फिर भी ये लोग मजबूरी में दुकान लगाने को मजबूर हैं क्योंकि यही इनका रोज़गार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगने वाले रानीबाजार, मिल्कीपुर, कुमारगंज और कुचेरा जैसे बाजारों में दुकानदारों को सही जगह नहीं मिल पाती। स्थायी दुकानदार फुटपाथ पर दुकान नहीं लगाने देते और एनएचएआई के कर्मचारी समय-समय पर उनकी दुकानें हटा देते हैं। गुलाबबाड़ी मैदान में लगने वाली जनपद की सबसे बड़ी बाजार में लखनऊ समेत कई जिलों से दुकानदार आते हैं, लेकिन बारिश के मौसम में जलभराव से हालत बदतर हो जाती है। दुकानदार खुद चंदा जमा कर पंप से पानी निकालते हैं क्योंकि प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलती।
शाहगंज की साप्ताहिक बाजार, जो कई वर्षों से लग रही है, अब बदहाली की शिकार हो चुकी है। संकरी सड़कों और वाहनों के कारण भारी जाम लगता है, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों को भारी परेशानी होती है। बरसात में फलों-सब्जियों का नुकसान होता है और टिन शेड न होने के कारण दुकानदार भीगते रहते हैं, जिससे स्वास्थ्य और माल दोनों प्रभावित होते हैं। दुकानदारों का कहना है कि अगर खुले स्थान पर बाजार लगाई जाए और सड़क चौड़ी की जाए, तो कारोबार और सुविधा दोनों बेहतर हो सकते हैं।
दुकानदारों ने शौचालय, पेयजल, टिन शेड, जलनिकासी और सफाई व्यवस्था जैसी बुनियादी जरूरतों पर भी सवाल उठाए हैं। गुलाबबाड़ी और शाहगंज के दुकानदारों ने कहा कि गंदगी और बदबू के बीच दुकान लगाना मुश्किल है, वहीं बारिश में कीचड़ और जलभराव आम बात है। बाजार में शौचालय की कमी से दुकानदारों को घर लौटना पड़ता है और पीने का पानी तक खरीदना पड़ता है। बीडीओ ने आश्वासन दिया है कि ग्राम प्रधान को निर्देश देकर सुविधाओं की व्यवस्था करवाई जाएगी, लेकिन दुकानदार अब स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।