अयोध्या न्यूज डेस्क: ताजमहल, जो दुनिया के सात अजूबों में शामिल है, हमेशा से मोहब्बत की निशानी के रूप में प्रसिद्ध रहा है। यहां देश-विदेश से पर्यटक ताज का दीदार करने के लिए आते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से ताजमहल में पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है, हालांकि विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी ओर, अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, खासकर राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद।
पिछले कुछ समय से आगरा में ताजमहल का दीदार करने आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। एआई वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस बाजपेई ने बताया कि कोरोना काल के बाद से यह गिरावट जारी है। 2023 में जहां 193,298 भारतीय पर्यटक कम आए, वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2022-2023 में कुल 2,770,340 पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे, जबकि 2023-2024 में यह संख्या घटकर 2,684,825 रह गई।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद, श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 2023 में अयोध्या में 13 करोड़ 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, जिसमें अधिकतर भारतीय थे। इसके अलावा मथुरा और वाराणसी में भी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है, जबकि प्रयागराज में भी चार करोड़ से अधिक पर्यटक आए। इन आंकड़ों से यह साफ होता है कि अयोध्या ने पर्यटकों की संख्या के मामले में वाराणसी और मथुरा को भी पीछे छोड़ दिया है।
अयोध्या में दीपोत्सव के शुरुआत के बाद से, हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2017 में 1.78 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या आए थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 5.75 करोड़ तक पहुंच गई है। खासकर राम मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद से, अयोध्या में धार्मिक पर्यटन का एक नया युग शुरू हुआ है, जिससे यहां की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।
इस वर्ष 2023 में अयोध्या में भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, और यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है। जबकि ताजमहल में भारतीय पर्यटकों की कमी और अयोध्या में वृद्धि, यह संकेत देती है कि धार्मिक स्थल अब पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण बन रहे हैं।