भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में अपने आधिकारिक दौरे की शुरुआत करते हुए भारत की बढ़ती वैश्विक रणनीतिक ताकत का प्रभावी प्रदर्शन किया। इस उच्च-स्तरीय यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, जिसके केंद्र में एक स्वतंत्र, खुला और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा लक्ष्य को मजबूत करना है। राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा दोनों देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों और विशेष रूप से क्वाड (Quad) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर उनके सहयोग को रेखांकित करता है।
भव्य स्वागत और पारंपरिक सम्मान
कैनबरा हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील और जॉइंट ऑपरेशंस के प्रमुख वाइस एडमिरल जस्टिन जोन्स मौजूद थे।
इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया के संसद भवन में राजनाथ सिंह को औपचारिक स्वागत समारोह के साथ सम्मानित किया गया। ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने उनकी अगवानी की। इस अवसर पर एक विशेष 'वेलकम टू कंट्री' धूम्र समारोह आयोजित किया गया, जो ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। यह पारंपरिक समारोह न केवल भूमि के पारंपरिक संरक्षकों को सम्मान देता है, बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और सुलह का भी एक शक्तिशाली संदेश देता है। रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स के विमान से कैनबरा पहुंचे राजनाथ सिंह का यह भव्य स्वागत कैनबरा की ओर से भारत के साथ साझेदारी को दिए जा रहे महत्व को दर्शाता है।
उच्च-स्तरीय वार्ता: रक्षा सहयोग को नई दिशा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स के साथ गहन और रचनात्मक द्विपक्षीय चर्चा की। इस बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग की तीव्र प्रगति की सराहना की। दोनों नेताओं ने मौजूदा रक्षा सहयोग को और विस्तार देने पर जोर दिया, जिसमें भविष्योन्मुखी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस बैठक का मुख्य केंद्र रणनीतिक समन्वय को मजबूत करना रहा, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके।
वार्ता के दौरान, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज भी शामिल हुए, जो भारत के साथ अपनी साझेदारी को कैनबरा द्वारा दिए जा रहे उच्चतम राजनीतिक महत्व को दर्शाता है। अल्बनीज और राजनाथ सिंह के बीच हुई गर्मजोशी भरी बातचीत और एकजुटता के दृश्यों ने दोनों देशों के बीच गहरे और मजबूत रिश्तों की झलक पेश की।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण
दोनों देशों के बीच मजबूत होती रक्षा साझेदारी का आधार एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा दृष्टि है। राजनाथ सिंह का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग आवश्यक हो गया है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) दोनों देशों के लिए रक्षा व्यापार, सैन्य अभ्यास, सूचना साझाकरण और रक्षा प्रौद्योगिकी में सहयोग के नए रास्ते खोल रही है। राजनाथ सिंह और रिचर्ड मार्ल्स के बीच हुई यह बैठक इन क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा को अंतिम रूप देने और दोनों देशों की सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (interoperability) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
रक्षा मंत्री का यह दौरा न केवल भारत की "एक्ट ईस्ट" नीति को बढ़ावा देता है, बल्कि यह भी स्थापित करता है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत एक महत्वपूर्ण और अपरिहार्य वैश्विक शक्ति बन गया है।