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93 साल, अदम्य साहस, असंख्य बलिदान… पढ़ें भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास की कहानी

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Posted On:Tuesday, October 7, 2025

भारतीय वायुसेना (IAF) कल, 8 अक्टूबर 2025 को अपनी स्थापना की 93वीं वर्षगांठ मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित ऐतिहासिक हिंडन एयरबेस पर एक भव्य और रोमांचक एयर शो का आयोजन किया जाएगा, जो भारतीय जवानों के अदम्य साहस और बलिदान का प्रतीक होगा।

इस बार वायुसेना दिवस का उत्सव विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' के वीर जवानों को समर्पित होगा, जिन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया। हालांकि इस वर्ष के लिए कोई औपचारिक थीम घोषित नहीं की गई है, लेकिन यह समर्पण भारतीय वायुसेना के सर्वोच्च बलिदान की भावना को रेखांकित करता है।

हिंडन एयरबेस पर दिखेगा शौर्य का प्रदर्शन

वायुसेना दिवस के मुख्य कार्यक्रम के तहत गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर सुबह भव्य परेड, एयर शो और स्टेटिक डिस्प्ले देखने को मिलेगा। आसमान में भारतीय वायुसेना के गौरवशाली विमानों का बेड़ा अपने शौर्य का प्रदर्शन करेगा।

  • मुख्य आकर्षण: इस एयर शो में सुखोई Su-30MKI, मिग-21 (MiG-21) जैसे लड़ाकू विमानों की गर्जना और कलाबाजियां देखने को मिलेंगी।

  • तैयारी: कार्यक्रम के लिए 6 अक्टूबर को फुल ड्रेस रिहर्सल सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी है।

  • माननीय उपस्थिति: इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी, नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश के कई शीर्ष रक्षा अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति शिरकत करेंगे।

भारतीय वायुसेना ने हाल ही में एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें तरंग शक्ति, रेड फ्लैग, और ऑपरेशन सिंदूर जैसे प्रमुख मिशनों की झलक दिखाई गई है, जो वायुसेना की शानदार परिचालन क्षमता को दर्शाते हैं।

ऐसे हुई थी भारतीय वायुसेना की स्थापना

भारतीय वायुसेना का इतिहास 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश राज के दौरान शुरू हुआ था। उस समय इसका गठन 'रॉयल इंडियन एयर फोर्स' के रूप में किया गया था। शुरुआत में, वायुसेना में गिनती के अधिकारी और मात्र चार वेस्टलैंड बाइप्लेन थे। इसकी पहली ऑपरेशनल स्क्वाड्रन का गठन 1 अप्रैल 1933 को किया गया था।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वायुसेना ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके सम्मान में उसे ‘रॉयल’ की उपाधि से नवाजा गया। हालांकि, 1947 में देश की आजादी और 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद, 'रॉयल' टैग हटा दिया गया और यह सिर्फ भारतीय वायुसेना बन गई, जो आज देश की हवाई सीमाओं की रक्षा की सबसे मजबूत दीवार है।

एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द और ट्रैफिक डायवर्जन

वायुसेना दिवस के मद्देनजर, गाजियाबाद प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कुछ आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि एयर शो का आयोजन सुचारू रूप से हो सके।

  • उड़ानें रद्द: हिंडन स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर होने वाले कार्यक्रम के कारण तीन दिन के लिए 37 उड़ानें रद्द की गई हैं। सुरक्षा कारणों और रनवे के उपयोग के चलते बेंगलुरु, चेन्नई, पटना, भुवनेश्वर और वाराणसी जैसे शहरों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं।

  • ट्रैफिक डायवर्जन: 8 अक्टूबर को कार्यक्रम के दौरान यातायात सुचारु रखने के लिए यूपी गेट से हिंडन एयरफोर्स स्टेशन तक के रूट को डायवर्ट किया गया है।

वायुसेना दिवस का उत्सव सुब्रोतो कप फुटबॉल टूर्नामेंट के ग्रैंड फिनाले तक जारी रहेगा, जिसका आयोजन आगामी 25 अक्टूबर को किया जाएगा। यह भव्य आयोजन राष्ट्र के प्रति वायुसेना के अटूट समर्पण और वीरता को नमन करने का एक अवसर है।


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