प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को रेलवे और यात्री सुविधाओं को लेकर कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि त्योहारी सीजन (दीवाली और छठ) में यात्रियों की सुविधा के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके अलावा, देश में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए चार नए रेलवे प्रोजेक्ट को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है, जिसमें ₹20,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया जाएगा।
त्योहारी सीजन में यात्रियों को तोहफा: 12,000 स्पेशल ट्रेनें
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि दीवाली और छठ जैसे महापर्वों के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है। देश भर में 12,000 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यह फैसला उन लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो इन त्योहारों के दौरान अपने घरों को लौटते हैं। इन अतिरिक्त ट्रेनों से न केवल टिकट बुकिंग की मारामारी कम होगी, बल्कि यात्रा भी अधिक आरामदायक हो सकेगी।
रेलवे के 4 नए प्रोजक्ट को मिली स्वीकृति
कैबिनेट ने देश के महत्वपूर्ण रेल कॉरिडोर को विस्तार देने के लिए चार बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिनमें बुनियादी ढांचे के विकास पर व्यापक निवेश किया जाएगा।
1. गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन (हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर)
यह नई रेल परियोजना हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर पर गोंदिया और डोंगरगढ़ के बीच बिछाई जाएगी।
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दूरी और निवेश: यह लाइन छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के मनोरम क्षेत्रों से होकर 84 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिस पर ₹23 करोड़ का निवेश होगा।
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परियोजना में शामिल: इसमें पुल, एक सुरंग, फ्लाईओवर और अंडरपास जैसी प्रमुख संरचनाएं शामिल हैं।
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आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ: इस परियोजना से पर्यावरण और आर्थिक क्षेत्र में बड़े लाभ होने की उम्मीद है। अनुमान है कि इससे सालाना 4.6 करोड़ लीटर डीजल की बचत, 23 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी और लॉजिस्टिक्स लागत में सालाना ₹514 करोड़ की बचत होगी।
2. भुसावल से वर्धा तीसरी और चौथी लेन
कैबिनेट ने भुसावल से वर्धा के बीच तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है। यह रेल नेटवर्क की क्षमता को बढ़ाएगा और महाराष्ट्र के भीतर माल ढुलाई और यात्री आवाजाही को सुगम बनाएगा।
3. बड़ौदा-रतलाम खंड पर तीसरी और चौथी लाइन
यह प्रोजेक्ट गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों को कवर करेगा।
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दूरी और निवेश: 259 किलोमीटर लंबे इस खंड पर ₹8,885 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
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लाभ: इस परियोजना से तीव्र मोड़ों को सीधा किया जाएगा, जिससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी और रेल नेटवर्क की क्षमता का विस्तार होगा। इसमें 5 पुल, 57 बड़े पुल, 216 छोटे पुल और 2 रेल फ्लाईओवर शामिल हैं।
4. हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर पर छह राज्यों में विस्तार
कैबिनेट ने छह राज्यों (314 किलोमीटर) में हावड़ा-मुंबई कॉरिडोर पर तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है।
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निवेश: इस पर ₹9,197 करोड़ का भारी-भरकम निवेश किया जाएगा।
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उद्देश्य और बचत: इसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती यात्री और माल ढुलाई की मांग को पूरा करना है। साथ ही, इससे 45 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी, 9 करोड़ लीटर डीजल की बचत और रसद लागत में सालाना ₹144 करोड़ की कमी आने की उम्मीद है।
ये सभी परियोजनाएं देश के प्रमुख औद्योगिक और यात्री गलियारों पर केंद्रित हैं, जो न केवल गति और क्षमता बढ़ाएंगी बल्कि भारतीय रेलवे को पर्यावरण के अनुकूल परिवहन माध्यम बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हैं।