शिर्डी में स्थित श्री साईंबाबा संस्थान, जो दुनियाभर के करोड़ों साईं भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, इन दिनों एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल को लेकर चर्चा में है। संस्थान ने हाल ही में दानदाताओं के लिए एक नई और संशोधित दान नीति की घोषणा की है, जिसे श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और दिलचस्पी के साथ देखा जा रहा है। इस नई नीति को संस्थान समिति से मंजूरी मिल चुकी है, और इसे जल्द ही पूर्ण रूप से लागू किया जा रहा है।
उद्देश्य: सेवा और सम्मान का विस्तार
संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य साईं भक्तों को उनकी दान राशि के अनुसार विशेष सेवा, सुविधा और सम्मान प्रदान करना है। यह पहल खासतौर पर उन दानदाताओं के लिए फायदेमंद होगी, जो लंबे समय से संस्थान से जुड़कर श्रद्धा से सेवा कर रहे हैं।
इस नई नीति के अंतर्गत भक्तों को न केवल नियमित आरती पास, प्रसाद और साहित्य प्राप्त होंगे, बल्कि उच्च दानदाताओं को जीवनभर वीवीआईपी दर्शन की सुविधा और साईं बाबा को वस्त्र अर्पण करने का विशेष अवसर भी प्रदान किया जाएगा।
संशोधित दान सुविधा योजना का वर्गीकरण
दानदाताओं के लिए तय की गई यह नई योजना दान राशि के स्लैब के आधार पर विभाजित की गई है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
₹10,000 से ₹24,999 तक के दान पर:
₹25,000 से ₹50,000 तक के दान पर:
₹50,001 से ₹99,999 तक के दान पर:
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2 वीवीआईपी आरती पास
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विशेष सम्मान चिन्ह
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5 उदी पैकेट
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साई सच्चरित्र
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2 लड्डू प्रसाद
₹1 लाख से ₹9.99 लाख तक के दान पर:
₹10 लाख से ₹50 लाख तक के दान पर:
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हर वर्ष 2 वीवीआईपी आरती पास
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एक बार प्रोटोकॉल दर्शन की विशेष सुविधा
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साईं बाबा को वस्त्र अर्पण
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वस्त्र भेंट, साईं मूर्ति, पूजा कूपन, भोजन पास
₹50 लाख से अधिक के दान पर:
श्रद्धा और सेवा का संगम
श्री साईं बाबा संस्थान की यह नई नीति न केवल श्रद्धालुओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि इसके माध्यम से सेवा और व्यवस्था में अनुशासन लाने की भी पहल की जा रही है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी गाडिलकर ने स्पष्ट किया कि इस योजना के ज़रिए दानदाताओं के योगदान को सम्मानपूर्वक सराहा जाएगा और संस्थान द्वारा उन्हें ऐसी सुविधाएं दी जाएंगी, जो उन्हें साईं बाबा के दर्शन और सेवा में और भी अधिक नजदीक लाएंगी।
आधिकारिक वेबसाइट पर मिलेगी पूरी जानकारी
संस्थान की ओर से भक्तों के लिए यह भी जानकारी दी गई है कि वे संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस नई दान सुविधा योजना के सभी विवरण, पात्रता और लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से दान प्रक्रिया को भी सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
निष्कर्ष: नई योजना श्रद्धा का सम्मान है
श्री साईंबाबा संस्थान की यह नई नीति उस सोच को दर्शाती है जिसमें भक्तों की श्रद्धा को सम्मान और सेवा में बदला जा रहा है। यह न केवल साईं भक्तों को विशेष रूप से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि इससे संस्थान को भी भविष्य में और बेहतर व्यवस्थाएं बनाने में मदद मिलेगी।
भक्तों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है — श्रद्धा, सेवा और सम्मान का त्रिवेणी संगम, जहां आस्था को प्रतिष्ठा में बदला जा रहा है।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि साईं बाबा की कृपा से शिर्डी का यह संस्थान न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि अब सेवा का आदर्श भी बनता जा रहा है।